Meri Amma! (My GrandMa!)



अम्मा 

जब अम्मा थीं, सब त्यौहार जगमगाते थे
अम्मा के लाड़ दुलार में हम फूले नहीं समाते थे
हर अवसर पर अम्मा ढेरों पकवान बनाती थीं
घर में जैसे व्यंजनों की दुकान सी लग जाती थी
अपने रसोई चौके को अम्मा मंदिर सा सजाती थीं
खाने की खुशबू में अम्मा की ममता की महक आती थी

सारे गली मोहल्ले में अम्मा की धाक थी
चाहे कोई भी कला हो अम्मा सब में पाक थीं
अम्मा सम्बल और साहस की मिसाल थीं
जो हमें सब ग़मो से दूर रखे अम्मा वो ढाल थीं
जब कोई पास नहीं था अम्मा ने बढ़ कर हमें संभाला था
दादी का दुलार दे माँ की तरह पाला था

जीवन की हर सीख हमने अपनी अम्मा से सीखी थी             
अम्मा शहद सी मीठी तो कभी मिर्ची सी तीखी थी
अम्मा के व्यक्तित्व की छाप मन के कोने कोने में फैली है
अम्मा ने सिखाया बस आगे बढ़ते जाओ
चाहे दुनिया कितनी भी मैली है

अम्मा को शिव पुराण रामायण दुर्गा चालीसा सब कंठस्त याद थी
अम्मा की मधुर बानी जैसे तुलसी और प्रसाद थी
अम्मा गणित विज्ञान और भाषा की भी विद्वान थी
चाहे कोई भी गुण हो अम्मा सबकी खान थी

अम्मा वो बरगद का पेड़ थीं जिसकी छाया ने जीवन की हर कमी को पूरा किया
अम्मा के सानिध्य में जीवन जितना जिया पूरा जिया
अम्मा का क़र्ज़ हम ताउम्र चुका ना पाएंगे
बस उनके दिए आदर्शों पे आगे को बढ़ते जाएंगे

काश की अम्मा आज यहाँ होतीं
ज़िन्दगी में फिर से मीठे रस की धारा प्रवाह होती
पर ये तो जीवन है यूँ ही चलता जाएगा
अम्मा की याद में मन का हर कोना सदा जगमगायेगा
अम्मा की यादों का दामन हमने कस के बाँधा है
जीवन में चाहे कोई विपदा आये अम्मा आज भी कांधा है






Comments

  1. Wonderful. Good rhythm and flow, rich with heartfelt emotions, positive and inspiring.

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